
संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा गढ़वा केतार प्रखंड क्षेत्र के बांसडीह बीघा टोला निवासी विमलेश पासवान (31 वर्ष) की असमय मौत से पूरा गांव गमगीन है। बुधवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर चेन्नई रेलवे स्टेशन के पास उन्होंने दम तोड़ दिया। शुक्रवार की शाम उनका शव एम्बुलेंस से पैतृक गांव पहुंचा तो परिजनों के रोने-बिलखने से माहौल गमगीन हो गया।
जानकारी के अनुसार, विमलेश लगभग 15 दिन पहले स्थानीय ठेकेदार के साथ रोज़ी-रोटी की तलाश में चेन्नई के एक प्लांट में काम करने गए थे। वहीं उनकी तबीयत खराब हो गई थी। उन्होंने कई बार अपनी पत्नी कविता देवी को फोन कर बताया था कि वे घर लौटना चाहते हैं, लेकिन ठेकेदार उन्हें छुट्टी नहीं दे रहा। इसी बीच 10 सितंबर को जैसे ही वे घर लौटने के लिए चेन्नई रेलवे स्टेशन पहुंचे, अचानक उनकी हालत बिगड़ गई। उन्होंने आख़िरी बार घरवालों और ठेकेदार को फोन कर कहा – “मेरा तबीयत बिगड़ रहा है।” लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी सांसें थम गईं।
शुक्रवार शाम जब शव गांव पहुंचा तो सैकड़ों की भीड़ उमड़ पड़ी। मां-बाप, पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक अपने पीछे पत्नी कविता देवी और चार मासूम बच्चों – अर्पना कुमारी उम्र 6 वर्ष, अंश कुमार उम्र 5 वर्ष, आरोही कुमारी उम्र 3 वर्ष और अक्षय कुमार उम्र 1 वर्ष को छोड़ गए हैं। बच्चों की मासूम चीख-पुकार ने हर किसी को झकझोर दिया।
पुराना प्रोफाइल फोटो
स घटना से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि गांव में रोजगार की कमी के कारण नवजवानों को विवश होकर बाहर पलायन करना पड़ता है, जहां उन्हें जान तक गंवानी पड़ रही है। गांव के लोग अब प्रशासन और सरकार से मांग कर रहे हैं कि मृतक के परिवार को मुआवजा और बच्चों के भरण-पोषण के लिए सहयोग दिया जाए, ताकि चार मासूमों का भविष्य अंधकारमय न हो।
घटना की जानकारी पाकर जिला परिषद सदस्य ज्वाला प्रसाद, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष लालेश्वर राम, नागेंद्र ठाकुर, इम्तियाज अंसारी, संजय वर्मा, अनील पासवान, चंदेश्वर पासवान सहित कई लोग पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया।